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समाज
|
एक अलग नज़रिया
| 2-मिनट में पढ़ें
ज्योति गुप्ता
@jyoti.gupta.01
जब देश कोरोना से जूझ रहा था तब महाराष्ट्र में कुछ लोग कन्या भ्रूण के पीछे पड़ गए!
बेटे की भूख में लोग कन्या भ्रूण की जान के प्यासे रहे हैं. कोरोना महामारी के दौरान महाराष्ट्र में सरकार निगरानी से क्या चूकी, प्रसव पूर्व जमकर गर्भस्थ शिशु के लिंग की जांच हुई, और कन्या भ्रूण होने पर उसका काम तमाम किया गया. नतीजा ये हुआ कि 2021 में महाराष्ट्र में 1000 लड़कों पर लड़कियों का अनुपात 906 तक पहुंच गया.
सिनेमा
| 6-मिनट में पढ़ें
अनुज शुक्ला
@anuj4media
'जयेश भाई जोरदार' बॉलीवुड की जड़ता है बस, अब तो लड़कियों के जन्म पर भी डीजे बजाते हैं बॉस!
दिव्यांग ठक्कर के निर्देशन में बनी जयेशभाई जोरदार का ट्रेलर आ चुका है. रणवीर सिंह की भूमिका से सजी फिल्म के बहाने समझिए बॉलीवुड कैसे समाज को पुराने चश्मे से देख रहा है.
सोशल मीडिया
| 2-मिनट में पढ़ें
आईचौक
@iChowk
शर्म आ रही है ना.. ?
प्रसून जोशी की इस कविता को सुनकर शायद बेटियों को पैदा होते ही मार देने वाले लोगों को जरूर शर्म आएगी
समाज
| 4-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
बेटे की चाहत में दक्षिण कोरिया ने तो भारत को भी पीछे छोड़ दिया था...
हमारे देश की तरह दक्षिण कोरिया कन्या भ्रूण हत्या की हालत ऐसी थी कि 100 लड़कियों के अनुपात में 116 लड़के हो गए थे. लेकिन कुछ कदम ऐसे उठाए गए, जिससे अब 100 लड़कियों के अनुपात में अब 105 लड़के हो गए हैं. हम भी ले सकते हैं यह सबक.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
पारुल चंद्रा
@parulchandraa
ऐसी खाप धो सकती हैं सारे पाप!
खाप पंचायतें शायद अब अपनी छवि बदलने की कोशिश कर रही हैं. अपने सख्त फैसलों की वजह से उन्हें अब तक महिला विरोधी भी समझा जा रहा था. लेकिन महिलाओं से जुडे मामलों में कुछ अहम फैसले लेकर खाप पंचायत ने एक मिसाल कायम की है.
समाज
| 2-मिनट में पढ़ें
चंदन कुमार
@ChandanK.Journalist
...तो हम सब के 'प्यारे' बेटे कुंआरे रह जाएंगे
हरियाणा का एक गांव है - मुजादपुर. यहां प्रति 1000 लड़कों पर 273 लड़कियां हैं. ऐसे में 'बेटी बटाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान या 'सेल्फी विद डाउटर' सब धरे के धरे रह जाएंगे. सरकार को मत कोसिए, अपने गिरेबां में झांकें...